
अखिलेश यादव। फाइल फोटो।
लखनऊ [TV 47 न्यूज़ नेटवर्क] सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 2027 विधानसभा का चुनाव भाजपा को हटाने का चुनाव होगा। भाजपा ने दस सालों में प्रदेश और देश में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ाई है। उनके पास बढ़ती बेरोजगारी का कोई जवाब नहीं है। समाजवादियों ने भाजपा को हराना सीख लिया है। अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा का पता ही नही चलेगा।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा भावनात्मक मुद्दों के जरिए जनता को ठगती थी। लोगों के इमोशन का फायदा उठाती थी। जनता भाजपा की चालों को समझ गयी है। अखिलेश यादव ने कहा कि एक तरफ कर्मचारी आठवें वेतमान की मांग रहे हैं , वही दूसरी तरफ जिस भाजपा सरकार ने दस साल तक देश में बेरोजगारी बढ़ाई है । वह युवाओं को पांच हजार रुपए की इंटर्नशिप नौकरी देने की बात कह रही है, वो भी सिर्फ एक साल के लिए।
सोमवार को एक न्यूज चैनल से साक्षात्कार में अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। भ्रष्टचार चरम पर है। मुख्यमंत्री के करीबी नेता कह रहे हैं कि उन्होंने इतना भ्रष्टचार अपने पूरे राजनीतिक जीवन में नहीं देखा। थाने अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं।
उत्तर प्रदेश में पुलिस, पुलिस को अवैध वसूली में पकड़ रही है। बलिया में एक थाना पकड़ा गया जहां की एक दिन की अवैध वसूली 15 लाख थी। इतनी कमायी तो अच्छे खासे व्यापार में भी नहीं होती होगी । इसी तरह से स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को धोखा दिया जा रहा है। बजट की लूट हो रही है। सड़कें बनते ही टूट जाती हैं, वहीं समाजवादियों की बनायी सड़के और एक्सप्रेस वे देश के लिए उदाहरण हैं। आज एनएचआई भी समाजवादियों के बनाए एक्सप्रेस वे के डिजायन को अपना रही है।
अखिलेश ने कहा भाजपा ने पिछड़ों, दलितों को धोखा दिया। नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया। झूठे सपने दिखाए। कोई काम नहीं किया। अगर काम किया होता तो भाजपा लोकसभा चुनाव में इतनी बुरी तरह नहीं हारती। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ते अन्याय, अत्याचार और भाजपा की गलत नीतियों के कारण हमने पीडीए को एक जुट किया। अब भाजपा को बहुत बेचैनी है।
अखिलेश ने भाजपा, बसपा का नाम लिए बगैर कहा कि सपा के पीडीए से कई पार्टियां बहुत चिंतित है। अभी हमने पार्टी नेताओं के साथ बैठक में प्रदेश में नेता विरोधी दल को लेकर फैसला लिया। सभी नेताओं से विचार-विमर्श और राय से वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पाण्डेय को नेता विरोधी दल बनाने का फैसला लिया, उन्हें जिम्मेदारी सौपी गयी।
इस फैसले से सबसे ज्यादा परेशानी और तकलीफ भाजपा को हुई। अखिलेश ने कहा कि आजादी के बाद जिन लोगों को हक और सम्मान नहीं मिला, पीडीए उनकी लड़ाई है। आज देश में जातिगत जनगणना की बात हो रही है। पीडीए में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आधी आबादी, आदिवासी, गरीब अगड़े सब शामिल हैं।