धर्मेंद्र की फाइल फोटो
नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। धर्मेंद्र, जिनका नाम भारतीय फिल्म उद्योग में एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है, एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपनी अदाकारी, स्टाइल और व्यक्तित्व से करोड़ों दर्शकों का दिल जीता है। उनकी कहानी संघर्ष, सफलता, समर्पण और जीवन के विभिन्न पहलुओं का अनूठा संगम है। यह कहानी न केवल उनके करियर की ऊंचाइयों की है, बल्कि उनके जीवन के संघर्षों, व्यक्तिगत अनुभवों और उनके योगदान की भी है।
यह लेख धर्मेंद्र की जीवन यात्रा का विस्तृत अवलोकन है, जिसमें उनके शुरुआती दिनों से लेकर उनके फिल्मी करियर, व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक योगदान और आज की स्थिति तक का समावेश है। इस स्टोरी में हम जानेंगे कि कैसे धर्मेंद्र ने बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में अपना नाम बनाया, और उनकी कुछ ऐसी फिल्में भी जिन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया।
धर्मेंद्र का प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को हरियाणा के पुंडरी में हुआ था। उनके पिता का नाम पृथ्वीराज सिह था, जो एक किसान थे। धर्मेंद्र का नाम धर्मेंद्र सिंह था, परंतु फिल्मों में आते-आते उनका नाम धर्मेंद्र हो गया। उनके शुरुआती जीवन का संघर्ष किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में गरीबी, संघर्ष और कठिनाइयों का सामना किया।
बचपन में ही धर्मेंद्र अपने परिवार के साथ दिल्ली आ गए। वहां उन्होंने मेहनत-मशक्कत से जीवन बिताया। उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और फिर मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा। मॉडलिंग के दौरान ही उनका परिचय फिल्म उद्योग से हुआ। उनके आकर्षक व्यक्तित्व और स्टाइल ने उन्हें जल्दी ही लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
उनके शुरुआती दिनों में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई बार उन्हें अस्वीकृति का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका आत्मविश्वास और समर्पण उन्हें आगे बढ़ाते रहे। आखिरकार, 1966 में उनकी पहली फिल्म ‘फूल और पत्थर’ रिलीज हुई, जिसने उनके अभिनय कौशल को जनता के सामने प्रस्तुत किया।
धर्मेंद्र का करियर का सफर
शुरुआती दौर
धर्मेंद्र की पहली फिल्म के बाद, उन्होंने विभिन्न फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार निभाए, लेकिन सफलता उनके कदम चूमने लगी 1970 के दशक में। उस समय बॉलीवुड में नए स्टार्स का आगमन हो रहा था, और धर्मेंद्र ने अपनी अलग छवि बनाई। उन्होंने एक्शन हीरो के रूप में अपने अस्तित्व को स्थापित किया।
मुख्य सफलता और फिल्में
धर्मेंद्र का करियर 1970 और 1980 के दशक में चरम पर था। उनके अभिनय की खासियत उनकी सहजता, नैसर्गिकता और मजबूत व्यक्तित्व थी। उन्होंने अपने करियर में लगभग 200 से अधिक फिल्मों में काम किया।
उनकी कुछ प्रमुख फिल्में:
- शोले (1975): यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे महान फिल्मों में से एक है। इसमें धर्मेंद्र ने वीरू का किरदार निभाया, जो आज भी दर्शकों के दिल में जीवित है। यह फिल्म न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी लोकप्रिय हुई।
- मुकद्दर का सिकंदर (1978): यह फिल्म एक्शन और ड्रामा का मेल थी, जिसमें धर्मेंद्र का अभिनय अद्भुत था।
- अमर अकबर एंथोनी (1977): इस फिल्म में उन्होंने एक मजबूत और प्रभावशाली भूमिका निभाई।
- बहारों का सफर (1972): यह फिल्म उनके शुरुआती करियर की हिट फिल्मों में से एक है।
- करो या मरो (1974): यह फिल्म भी उनके करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में गिनी जाती है।
बॉलीवुड के सच्चे हीरो
धर्मेंद्र की खास बात यह थी कि वे अपने जीवन में बहुत ही विनम्र और जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। उनकी मुस्कान और आत्मीयता ने उन्हें दर्शकों का चहेता बना दिया। वह अपने अभिनय में सरलता और वास्तविकता का मेल लाते थे, जिससे उनकी हर फिल्म दर्शकों के दिलों में बस जाती थी।
निजी जीवन और सामाजिक योगदान
धर्मेंद्र का जीवन केवल फिल्मों तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा। 1997 में, वे जनता दल (सेकुलर) से सांसद चुने गए। उनका सामाजिक योगदान भी उल्लेखनीय है। वे समाजसेवा, शिक्षा और किसानों के हित में काम करते रहे।
उनकी निजी जिंदगी भी बहुत चर्चित रही। उन्होंने दो बार शादी की—प्रकाश कौर से और हेमा मालिनी से। हेमा मालिनी से उनकी दो बेटियां हैं: ईशा देओल और अंशुला देओल। धर्मेंद्र का जीवन संघर्ष और सफलता का मिश्रण है, जिसने उन्हें एक मिसाल बना दिया है।
धर्मेंद्र का वर्तमान जीवन
आज भी, धर्मेंद्र अपने जीवन के अनुभवों और फिल्मों के साथ सक्रिय हैं। वे सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं। उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल भी फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं, और उन्होंने भी अपने पिता का नाम रोशन किया है।
धर्मेंद्र का व्यक्तित्व आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने साबित किया है कि मेहनत, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
उनकी मशहूर फिल्में और उनका प्रभाव
धर्मेंद्र की फिल्मों का प्रभाव आज भी कायम है। उनकी फिल्में न केवल मनोरंजन का स्रोत हैं, बल्कि उनमें जीवन के गहरे संदेश भी छुपे हैं।
उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों का विश्लेषण
शोले (1975)
यह फिल्म भारतीय सिनेमा का मील का पत्थर है। धर्मेंद्र का वीरू का किरदार आज भी युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय है। यह फिल्म न केवल एक एक्शन फिल्म थी, बल्कि इसमें मित्रता, साहस, बलिदान और प्रेम की बातें भी थीं। धर्मेंद्र की कॉमिक टाइमिंग और अभिनय ने इस फिल्म को अमर बना दिया।
अमर अकबर एंथोनी (1977)
इस फिल्म में धर्मेंद्र ने एक मजबूत और प्रभावशाली भूमिका निभाई। यह फिल्म भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अद्भुत मिश्रण थी।
दिवाना (1975)
यह फिल्म उनके रोमांटिक पक्ष को दर्शाती है। धर्मेंद्र की स्क्रीन पर मौजूदगी और उनकी मोहक मुस्कान ने इस फिल्म को खास बना दिया।
त्रिशूल (1978)
यह फिल्म पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक मुद्दों पर आधारित थी। धर्मेंद्र का अभिनय गहरा और प्रभावशाली था।
रोटी (1974)
यह फिल्म गरीबी और समाज के संघर्ष को दर्शाती है। धर्मेंद्र ने इसमें एक संघर्षशील व्यक्ति की भूमिका निभाई, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया।
