गायिका मैथिली ठाकुर फाइल फोैटो।
नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। बिहार की संगीत और सामाजिक चेतना का पर्याय बन चुकीं मैथिली ठाकुर अब राजनीति की पिच पर कदम रख चुकी हैं। 25 वर्षीय यह युवा गायिका अपनी प्रतिभा, मेहनत और सामाजिक कार्यों से न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। वह अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने जा रही हैं।
आखिर मैथिली ठाकुर ने कम उम्र में ही करोड़ों की दौलत कैसे हासिल की, उनके पास कितनी संपत्ति है, उनका आर्थिक स्रोत क्या हैं, और उनका राजनीतिक भविष्य क्या हो सकता है। साथ ही, जानिए उनके जीवन का सफर, उनके पास मौजूद संपत्तियों का ब्योरा, और उनके चुनावी रणनीति के बारे में।
चुनावी हलफनामे से संपत्ति का ब्योरा
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने नामांकन के दौरान, मैथिली ठाकुर ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। उसके अनुसार, उनके पास कुल रुपये 2,32,33,255 की चल संपत्ति है।
उनके पास रुपये 47 लाख की अचल संपत्ति भी है, जिसकी बाजार कीमत लगभग रुपये 1.50 करोड़ है। उनके पास कई बैंक खाते, एफडी, म्यूचुअल फंड्स और निवेश हैं।
आय का स्रोत
मैथिली ठाकुर की आय का मुख्य स्रोत है:
- लाइव स्टेज परफॉर्मेंस और कॉन्सर्ट्स
- सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल से विज्ञापन और ब्रांड एंडोर्समेंट
- फिल्म गाने और संगीत एल्बम्स
- पुरस्कार, सम्मान और सरकारी अनुदान
उनकी वार्षिक आय लगभग रुपये 28 लाख से अधिक है, जो उनके व्यवसायिक और संगीत संबंधी गतिविधियों से आती है।
संपत्ति का विश्लेषण
उनके पास की संपत्तियों में शामिल हैं:
- संपत्ति: दिल्ली और बिहार में कई प्रॉपर्टी, मकान और जमीन
- बैंक बैलेंस: फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, शेयर आदि
- गायन उपकरण: उच्च गुणवत्ता वाले माइक, रिकॉर्डिंग सेटअप आदि
प्रारंभिक जीवन और परिवार
माथिली ठाकुर का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में 25 जुलाई 2000 को हुआ था। उनके पिता रमेश ठाकुर एक शास्त्रीय संगीतकार हैं, जिन्होंने मैथिली को संगीत की प्रारंभिक शिक्षा दी। उनका परिवार बाद में दिल्ली के नजफगढ़ में बस गया, जहां उनके पिता की नौकरी चली गई। आर्थिक तंगी के दौर में भी संगीत उनके परिवार के लिए एक सहारा बना रहा।
उनके परिवार में उनके माता-पिता और दो बड़े भाई—अयाची और ऋषभ—सभी लोक संगीत के कलाकार हैं। मैथिली का संगीत के प्रति जुनून और प्रतिभा उनके घर से ही शुरू हुआ। वे बचपन से ही शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत में पारंगत थीं।
शिक्षा और प्रारंभिक प्रतिभा
मैथिली ठाकुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज से बीए की डिग्री प्राप्त की। वह पांचवीं कक्षा तक घर पर ही पढ़ाई करती थीं। उनके संगीत प्रेम और प्रतिभा को देखते हुए, उन्हें बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल में संगीत छात्रवृत्ति भी मिली।
उनके प्रारंभिक जीवन में आर्थिक तंगी के बाद भी, उनका संगीत और प्रतिभा ही उनके जीवन का सहारा बनी। संगीत के प्रति उनका प्रेम और जुनून उन्हें सोशल मीडिया स्टार बनाने में मददगार साबित हुआ।
रियलिटी शो से शुरुआत
मैथिली ठाकुर ने अपने करियर की शुरुआत रियलिटी शो ‘सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स’, ‘इंडियन आइडल जूनियर’ और ‘राइजिंग स्टार’ जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रमों से की। इन शो में उन्होंने अपने अनूठे गायन कौशल का प्रदर्शन किया और दर्शकों का दिल जीता।
रियलिटी शो में सफलता के बाद, उन्होंने फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने गीतों और लाइव परफॉर्मेंस को साझा करना शुरू किया। उनकी पारंपरिक लोक शैली और मधुर सुरों ने जल्द ही उन्हें सोशल मीडिया सेंसेशन बना दिया।
सोशल मीडिया का प्रभाव और आर्थिक सफलता
सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। उनके वीडियो लाखों व्यूज प्राप्त करते हैं। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, मैथिली ठाकुर हर लाइव शो के लिए लगभग 5 से 7 लाख रुपये तक फीस लेती हैं।
उनके लोकप्रिय गीत, विशेष रूप से लोक संगीत की प्रस्तुति, युवा वर्ग में खासा प्रभाव डालती है। सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता ने उन्हें फिल्म, टीवी और कॉर्पोरेट कार्यक्रमों से भी ऑफर दिलवाए।
संगीत और पुरस्कार
मैथिली ठाकुर को उनके सांस्कृतिक योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। इनमें से प्रमुख हैं:
- संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार (2021)
- बिहार सरकार का स्टेट आइकन का दर्जा
- विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगीत समारोहों में भागीदारी
जीवन शैली और खर्च
मैथिली ठाकुर अपनी कमाई का अच्छा हिस्सा अपने परिवार की देखभाल, संगीत साधनों और सामाजिक कार्यों में खर्च करती हैं। उनकी जीवनशैली सादा और सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप है।
राजनीति में कदम
मैथिली ठाकुर का राजनीतिक सफर 2025 में शुरू हुआ, जब उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के टिकट पर दरभंगा जिले की अलीनगर सीट से नामांकन भरा। उनके नामांकन के साथ ही राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई कि यह युवा कलाकार अब बिहार की राजनीति में नई जान फूंकने वाली हैं।
चुनावी रणनीति
उनकी चुनावी योजना में शामिल हैं:
- सामाजिक असमानताओं का समाधान: शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार
- सांस्कृतिक संरक्षण: बिहार की परंपरागत संगीत और संस्कृतियों का प्रचार-प्रसार
- आर्थिक विकास: उद्योग, कृषि और पर्यटन को बढ़ावा देना
- डिजिटल और सोशल मीडिया: अपनी लोकप्रियता का प्रयोग चुनाव अभियान में करना
संभावित प्रभाव और चुनौतियां
- प्रभावी समर्थन: युवा वोटरों में लोकप्रियता
- सामाजिक समर्थन: पिछड़े वर्ग और महिलाओं का समर्थन
- राजनीतिक विरोध: विपक्षी दलों का मुकाबला
उनकी सफलता का मुख्य आधार उनकी सामाजिक जागरूकता और लोकप्रियता है। यदि वे चुनाव जीत जाती हैं, तो बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
संभावित सफलता के कारण
- अच्छी पहचान: सोशल मीडिया और रियलिटी शो के माध्यम से व्यापक पहचान
- संपत्ति और संसाधन: करोड़ों की दौलत का उपयोग अभियान में
- सांस्कृतिक प्रभाव: बिहार की संस्कृति का संरक्षण और प्रचार
चुनौतियां
- राजनीतिक विरोध: विपक्षी दलों का सामना
- जनमत का समर्थन: जनता का विश्वास जीतना
- आर्थिक संसाधनों का सही इस्तेमाल: चुनावी खर्च और प्रचार
दीर्घकालीन संभावनाएं
अगर मैथिली ठाकुर अपने राजनीतिक सफर में सफलता हासिल कर लेती हैं, तो वे बिहार की नई पीढ़ी की नेता बन सकती हैं। उनका सांस्कृतिक और आर्थिक आधार उन्हें एक मजबूत राजनीतिक खिलाड़ी बनाता है।
