फाइल फोटो।
नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। मानसून का कहर इस बार पूरे उत्तर भारत में अपने चरम पर है। दिल्ली से लेकर यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य भारत के कई इलाकों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि इस रफ्तार से बरसात का दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है, जिससे बाढ़, भूस्खलन और जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि किन इलाकों में कैसी स्थिति है, किन राज्यों में भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा है, राहत और बचाव कार्य किस तरह चल रहे हैं, और अभी क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
दिल्ली में आज की स्थिति
दिल्ली में आज प्राचीन मौसम विज्ञान कार्यालय (IMD) ने गरज के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है। राजधानी में सुबह से ही बादल घिरे हैं और कुछ इलाकों में झमाझम बारिश हुई है। भारी बारिश से सड़कें पानी में डूब गई हैं, ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी है, और लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश में बारिश का असर
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, मथुरा जैसे शहरों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रयागराज में तो घरों में बाढ़ का पानी घुसने की खबर है, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। नदी-नाले उफान पर हैं और जलस्तर में वृद्धि देखने को मिल रही है।
मौसम विभाग का अपडेट
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों में दिल्ली, यूपी के कई इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। विभाग ने चेतावनी दी है कि बाढ़, पेड़ गिरने, और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना रहेगा।
उत्तराखंड में भूस्खलन और तबाही
उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं लगातार हो रही हैं। खासतौर पर देहरादून, नैनीताल, चंपावत, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिले में भूस्खलन की घटनाएं आम हो गई हैं। पहाड़ों से मलबा गिरने से सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंच रहा है।
व्यापक पैमाने पर तबाही
खीर गंगा, मंदाकिनी, अलकनंदा जैसी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। खीर गंगा में आई बाढ़ के कारण कई पर्यटक और श्रद्धालु फंस गए हैं। गुजरात से आए 141 श्रद्धालु और पर्यटक फंसे हुए हैं, जिनमें से 99 यात्री मंदाकिनी गेस्ट हाउस में हैं। गुजरात सरकार ने संपर्क कर उनके सुरक्षित स्थान पर लाने का प्रयास शुरू कर दिया है।
राहत और बचाव कार्य
उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। प्रभावित इलाकों में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रयास जारी हैं।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मौसम का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में मौसम का हाल
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। शिमला, मंडी, कांगड़ा, ऊना, सिरमौर जैसे जिलों में अगले 8 से 12 अगस्त तक भारी से अति भारी बारिश की आशंका है।
जम्मू-कश्मीर का मौसम
जम्मू-कश्मीर में भी 12 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यह क्षेत्र भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित हो सकता है। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।
बिहार और झारखंड में बाढ़ का खतरा
बिहार की स्थिति
बिहार के कई जिलों में बारिश का प्रकोप जारी है। पटना, भागलपुर, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर आदि इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
झारखंड की स्थिति
झारखंड में भी आठ से 10 अगस्त के बीच भारी बारिश का अनुमान है। रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो जैसे शहरों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के उपाय और सावधानियां
सरकारी प्रयास
मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर राहत और बचाव एजेंसियां सक्रिय हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य सरकारें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने, घरों से बाहर न निकलने और जरूरी सामान साथ रखने की सलाह दी है।
आम जनता के लिए जरूरी सावधानियां
- भारी बारिश के दौरान घर से बाहर न निकलें।
- बिजली से संबंधित उपकरणों से दूर रहें।
- नदियों और जलाशयों के आसपास न जाएं।
- फंसे हुए लोगों की सहायता के लिए प्रशासन का सहयोग करें।
- बाढ़ और भूस्खलन से बचाव के उपाय अपनाएं।
राहत कार्य, सरकार की योजनाएं और भविष्य की राह
राहत कार्य
प्रशासनिक और एनडीआरएफ टीमें प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में लगी हैं। जलभराव वाले इलाकों में नाव और क्रेन की मदद से फंसे लोगों को निकाला जा रहा है।
सरकार की योजनाएं
मौसम विभाग ने अगले सात दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सहायता पहुंचाने, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास की योजना बनाई है।
भविष्य की राह
मौसम के अनुमान के अनुसार, अगले एक सप्ताह में मानसून सक्रिय रहेगा। प्रभावित इलाकों में सतर्कता बरतें, और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के उपाय अपनाएं।
