दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी
नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘मन की बात’ अभियान का उद्देश्य देशव्यापी जागरूकता, राष्ट्रप्रेम, नवाचार, और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण है। 124वें एपिसोड की चर्चा हर वर्ष की तरह भारी उत्साह के साथ हुई, जिसमें देशभर के नागरिक, सांसद, विधायक, और सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेते हैं। खासतौर पर दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में, पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां स्थानीय निवासियों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री जी का संदेश सुना और उससे प्रेरणा ली।
यह लेख इस कार्यक्रम के आयोजन, इसके महत्व, और प्रधानमंत्री जी की चर्चा का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है। साथ ही, इस अवसर पर किए गए नवाचार अभियान, ऐतिहासिक विरासतों का संरक्षण, और स्थानीय स्तर पर सामाजिक जागरूकता की दिशा में किए गए प्रयासों का भी अवलोकन किया जाएगा।
‘मन की बात’ 124वें एपिसोड का महत्व और उद्देश्य
राष्ट्रीय जागरूकता और राष्ट्रप्रेम का प्रसार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम, देश के नागरिकों में जागरूकता, राष्ट्रप्रेम, और अपने व देश के प्रति गर्व की भावना को जागृत करता है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवा पीढ़ी को नयी ऊर्जा, नवाचार और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति संकल्पित करता है।
नवाचार और वैज्ञानिक सोच का प्रोत्साहन
124वें एपिसोड में मोदी जी ने इंस्पायर मानक अभियान का उल्लेख किया, जो बच्चों में नवाचार, वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। इस अभियान से जुड़ने वाले बच्चों की संख्या में दोगुनी वृद्धि देश की प्रगति का परिचायक है।
विरासत संरक्षण और सांस्कृतिक जागरूकता
प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में भारत की ऐतिहासिक विरासत का जिक्र किया, जिसमें प्रतापगढ़, सल्हेर और खानदेरी जैसे किलों का उल्लेख कर भारतीय सांस्कृतिक गौरव को पुनः परिभाषित किया। इससे यह संदेश जाता है कि हमारी विरासत हमारी पहचान और गर्व का स्रोत है।
रमेश बिधूड़ी का नेतृत्व और कार्यक्रम का आयोजन
स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन
पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी ने कालकाजी के आशा किरण अपार्टमेंट, 14ए, ई.डब्ल्यू.एस. फ्लैट, गोविंदपुरी कालकाजी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने अपने नेतृत्व में इस आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।
कार्यक्रम का विस्तार और स्थान
इसके अलावा, कालकाजी विधान सभा में 17 स्थानों पर और तुग़लक़ाबाद विधानसभा में 12 स्थानों पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिससे कुल 29 स्थानों पर ‘मन की बात’ का सामूहिक श्रवण हुआ। इन कार्यक्रमों में स्थानीय निवासियों, भाजपा कार्यकर्ताओं, युवाओं और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
सामूहिक सुनवाई का महत्व
सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री के संबोधन का श्रवण, सामूहिक विचार-विमर्श और राष्ट्रप्रेम का जज्बा जागरूकता का प्रतीक है। इससे स्थानीय समुदाय में एकता और राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत होती है।
‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्य बातें
इंस्पायर मानक अभियान
प्रधानमंत्री ने इस अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि यह अभियान बच्चों में नवाचार, रचनात्मकता और वैज्ञानिक सोच को विकसित करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से जुड़ने वाले बच्चों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है, जो देश के उज्जवल भविष्य का संकेत है।
भारत की ऐतिहासिक विरासत
मोदी जी ने भारतीय संस्कृति और विरासत का महत्व समझाते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने प्रतापगढ़, सल्हेर और खानदेरी जैसे ऐतिहासिक किलों का उल्लेख कर उनके संरक्षण और जागरूकता पर बल दिया।
राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक संरक्षण
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की गौरवशाली विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने युवाओं और नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोएं और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।
युवाओं का विशेष आह्वान
मोदी जी ने युवाओं को नवाचार, विज्ञान और टेक्नोलॉजी में आगे आने का संदेश दिया। कहा कि देश का भविष्य युवाओं के हाथों में है, इसलिए उन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुंचना चाहिए।
स्थानीय कार्यक्रम और समुदाय का उत्साह
आशा किरण अपार्टमेंट में कार्यक्रम
कालकाजी के आशा किरण अपार्टमेंट में आयोजित इस कार्यक्रम में कई स्थानीय नागरिक, युवा, बुजुर्ग और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सभी ने प्रधानमंत्री जी का संदेश ध्यानपूर्वक सुना और अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का व्यापक प्रभाव
इस तरह के कार्यक्रम से न केवल नागरिकों का जागरूकता स्तर बढ़ता है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक संरक्षण का भी संदेश फैलता है। यह कार्यक्रम युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करने का एक प्रभावशाली माध्यम है।
अन्य स्थानों पर भी उत्साह
कालकाजी के अलावा, पूरे दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में 29 स्थानों पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जनता का उत्साह और राष्ट्रप्रेम स्पष्ट झलक रहा है। इन आयोजनों का उद्देश्य नागरिकों में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना पैदा करना था।
सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और महत्व
भारत की गौरवशाली विरासत
प्रधानमंत्री जी ने अपनी बात में भारतीय इतिहास और संस्कृति का उल्लेख किया। उन्होंने प्रतापगढ़, सल्हेर, खानदेरी जैसे ऐतिहासिक किलों का उल्लेख कर बताया कि इन स्थलों का संरक्षण देश की गौरवगाथा है।
विश्व स्तर पर भारत का सम्मान
मोदी जी ने कहा कि भारत की विरासत को विश्व मंच पर प्रस्तुत करना आवश्यक है। इससे न केवल देश का गौरव बढ़ता है, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास में भी मदद मिलती है।
युवाओं और नागरिकों का योगदान
सभी नागरिकों और युवाओं से आग्रह किया गया कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोएं और उसकी रक्षा करें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखें।
कार्यक्रम का प्रभाव और समाज में संदेश
राष्ट्रप्रेम की भावना का जागरूकता
यह कार्यक्रम देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम का संदेश फैलाने का प्रभावी माध्यम है। इससे युवा पीढ़ी में नई ऊर्जा का संचार होता है।
जागरूकता और जिम्मेदारी का विकास
स्थानीय नागरिकों में जागरूकता और जिम्मेदारी का भाव जागृत होता है। यह उन्हें अपने देश, अपनी संस्कृति और विरासत का सम्मान करने के लिए प्रेरित करता है।
सामाजिक समरसता और एकता
सामूहिक सुनवाई और संवाद से समाज में एकता और राष्ट्रीय भावना मजबूत होती है। इससे सामाजिक समरसता का माहौल बनता है।
