नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। इस बार का चुनाव खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विपक्षी दलों का एक बड़ा समूह – INDIA गठबंधन – अपने संयुक्त उम्मीदवार के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। वहीं, एनडीए ने भी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इसमें हम समझेंगे कि क्या INDIA गठबंधन उपराष्ट्रपति पद के लिए जॉइंट कैंडिडेट उतार सकता है, साथ ही एनडीए की तरफ से कौन-कौन से उम्मीदवारों के नाम चर्चा में हैं।
INDIA गठबंधन का राजनीतिक माहौल
INDIA (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंटीग्रेशन अलायंस) देश के प्रमुख विपक्षी दलों का गठबंधन है, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, वाम दल और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं। इस गठबंधन का मकसद केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ साझा रणनीति बनाना है।
ऐसे में, उपराष्ट्रपति चुनाव में भी यह गठबंधन अपने सामूहिक हितों और सामूहिक रणनीति के तहत एक मजबूत उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहा है। यह कदम विपक्ष के राजनीतिक एकता का प्रतीक हो सकता है।
क्या INDIA गठबंधन जॉइंट कैंडिडेट उतारेगा ?
वर्तमान राजनीतिक जानकारियों के अनुसार, INDIA गठबंधन ने इस चुनाव के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार को लेकर विचार विमर्श शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, यदि गठबंधन अपने जॉइंट कैंडिडेट का ऐलान करता है, तो यह विपक्षी एकता का बड़ा संकेत होगा।
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गठबंधन इस बार अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए किसी वरिष्ठ और सम्मानित नेता को सामने ला सकता है। इस संदर्भ में मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष), ममता बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) नाम चर्चा में हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं।
वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों के नाम पहले ही तय कर लिए गए हैं। खबरों के अनुसार थावरचंद गहलोत (राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री), ओम माथुर (केंद्रीय मंत्री) दोनों नाम चर्चा में हैं और चुनाव आयोग ने भी इन उम्मीदवारों की तैयारियों को शुरू कर दिया है। NDA का मानना है कि इन उम्मीदवारों में से कोई भी पद के लिए उपयुक्त और मजबूत हो सकता है, जो उनके राजनीतिक एजेंडे का प्रतिनिधित्व करता है।
चुनाव आयोग की तैयारियां
चुनाव आयोग ने चुनाव की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मतदाता सूची, मतदान प्रक्रिया, और प्रचार-प्रसार की व्यवस्था के साथ ही, चुनाव के सुचारू संचालन के लिए आयोग ने विशेष तैयारियां की हैं। चुनाव का मतदान अक्टूबर-नवंबर 2024 में होने की संभावना है।
राजनीतिक हलचल और आगामी रणनीति
उपराष्ट्रपति चुनाव का परिणाम न केवल राजनीतिक दलों के बीच कूटनीति का परिणाम होगा, बल्कि यह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी एक संकेतक होगा। विपक्षी दलों की एकता और उनके उम्मीदवार का चयन इस बात को निर्धारित करेगा कि आगामी चुनाव में विपक्षी मोर्चा कितना मजबूत हो सकता है।
