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अयोध्या [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। दीपावली असत्य पर सत्य की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक है। वर्षों से इस पावन पर्व को श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस साल की दिवाली 2024 में एक ऐतिहासिक अवसर पर होगी। इसमें भगवान श्रीराम 500 वर्षों के बाद अयोध्या के अपने भव्य मंदिर में दिवाली मनाएंगे। इसके साथ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव है, जहां अयोध्या की भव्यता देखने योग्य होगी।
अयोध्या दीपोत्सव: 35 लाख दीयों की जगमगाहट
अयोध्या इस वर्ष अपने 8वें दीपोत्सव के लिए पूरी तरह से सजी हुई है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग अयोध्या की इस दिवाली को खास बनाने के लिए उत्सुक हैं। सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख दीये सजाए जा चुके हैं। इसमें करीब 25 लाख दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना है। साथ ही पूरे शहर में करीब 35 लाख से ज्यादा दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश: 500 वर्षों का इंतजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर को विशेष रूप से उल्लेखित किया और देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस दिवाली का महत्व अनोखा है, क्योंकि 500 वर्षों के बाद भगवान श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने इस दिवाली के साक्षी बनने का सपना देखा था और आज वो सपना साकार हो रहा है। इस दिवाली में हम सब राम की इस ऐतिहासिक वापसी का उत्सव मनाएंगे।
वोकल फॉर लोकल पहल का समर्थन
इस बार दीपावली को विशेष बनाने के साथ-साथ ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल पर भी जोर दिया गया है। अयोध्या में सजावट और दीपोत्सव के लिए स्थानीय कला और शिल्प को बढ़ावा दिया जा रहा है। दीयों और अन्य सजावटी वस्तुओं में स्वदेशी निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, ताकि स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिल सके और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा किया जा सके।
दिवाली 2024: श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर
यह दिवाली न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए भगवान श्रीराम की विरासत से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर भी है। श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने के साथ ही दीपावली पर अयोध्या के इस अद्वितीय दीपोत्सव का हिस्सा बनेंगे। ऐसी दिवाली की प्रतीक्षा कई पीढ़ियों से की जा रही थी, और इस वर्ष की दीपावली उन सभी के लिए अविस्मरणीय बन जाएगी। अयोध्या की दीपावली न केवल रामायण काल की महिमा को जीवंत करेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ऐतिहासिक पर्व के रूप में इतिहास में दर्ज हो जाएगी।
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