
प्रदेश में 2532 चिकित्सकों की जल्द होगी भर्ती: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
लखनऊ,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा 2,532 विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती जल्द ही की जाएगी। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विधान परिषद में दी। उन्होंने बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग (UPPSC) को यह अधियाचन भेजा गया है और इसमें से 300 से अधिक चिकित्सक चयनित हो चुके हैं। यह भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी, जिससे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती को बेहतर बनाया जा सकेगा।
भर्ती प्रक्रिया और उसके फायदे
इस भर्ती से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर और बेहतर होगा, क्योंकि अधिक डॉक्टरों की नियुक्ति से ज्यादा मरीजों का इलाज संभव हो सकेगा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने यह भी बताया कि भर्ती प्रक्रिया के बाद डॉक्टरों की तैनाती जनसांख्यिकीय जरूरतों के हिसाब से की जाएगी, ताकि हर अस्पताल में पर्याप्त संख्या में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हो सकें। इससे लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि होगी।
सरकारी अस्पतालों में बढ़ती रोगी संख्या
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विधान परिषद में पेश किए गए आंकड़ों से यह भी बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओपीडी में लगभग 14.29 करोड़ रोगी ने चिकित्सीय परामर्श लिया है। इसके अलावा, 57.15 लाख रोगियों को भर्ती कर इलाज किया गया है। 13.89 करोड़ लोगों की मुफ्त पैथोलॉजी जांच भी की गई। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता और पहुंच में लगातार सुधार हो रहा है।
अस्पतालों में हो रहे सुधार
विधान परिषद में डिप्टी सीएम पाठक ने यह भी जानकारी दी कि सरकारी अस्पतालों में रोजाना 1.75 लाख रोगी इलाज के लिए आ रहे हैं। इसमें से 12 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं और आग लगने जैसी घटनाओं से घायल होकर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 8 हजार गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का इलाज हो रहा है और 5 हजार रोगियों का रोज मुफ्त ऑपरेशन भी किया जा रहा है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को जनहित में और भी मजबूत बना रही है।
सुधार की दिशा में आगे के कदम
डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशालय में एक कंट्रोल रूम बनाकर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था की गई है। इससे अस्पतालों में हो रही गतिविधियों की निगरानी की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि रोगियों को समय पर इलाज मिल सके। इस कदम से स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता भी आएगी और कुशल प्रबंधन में मदद मिलेगी।
विपक्ष की आलोचना और सरकार का पलटवार
वहीं, विपक्षी दलों द्वारा सरकार की योजनाओं की आलोचना की गई, खासकर सपा के डा. मान सिंह यादव ने डिप्टी सीएम के आंकड़ों पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि डिप्टी सीएम आंकड़ों की बाजीगरी कर रहे हैं। हालांकि, ब्रजेश पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा शासन में सरकारी अस्पतालों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा कि फर्जी समाजवादियों को देखकर डा. लोहिया भी रो रहे होंगे।